सुरेश पांडे, पन्ना .ये कहानी एक मजदूर मोतीलाल प्रजापति की है। ऊपर वाला जब देता है तब छप्पर फाड़कर देता है, ये कहावत इन पर एकदम सटीक लगती है। यहां पट्टी गांव के मोतीलाल को पिछले वर्ष अक्टूबर में एक दिन अचानक हीरा मिल गया था। उसने डेढ़ माह पहले ही खदान लेकर खोज शुरू की थी।
पन्ना में जैम क्वालिटी का हीरा मिलने से मजदूर से करोड़पति बने मोतीलाल परेशान हैं। उन्हें अब तक नीलामी राशि की रकम नहीं मिली है, लेकिन उनका जीना दूभर हो गया है। उनकी परेशानी की वजह वे लोग हैं, जो हीरा हासिल करने के तरीके जानने के लिए उन्हें कहीं भी घेर लेते हैं। कई लोग उनसे नीलामी में मिलने वाली रकम के संबंध में जानने की जिद करते हैं।
हालात यह हैं कि किसी अनहोनी की आशंका में परिजनों ने मोतीलाल को घर के बाहर कहीं भी आने-जाने से रोक रखा है। पिछले एक माह से वे अपनी हीरा खदान पर ही नहीं गए हैं। मोतीलाल हीरा खनन के अलावा बिल्डिंग मटेरियल ढोने का काम करते हैं। वे ईंट-गिट्टी या अन्य सामग्री खुद ढोते हैं। इसी से उनका परिवार चलता है। पर अब यह भी मुश्किल हो रहा है। मोतीलाल कहते हैं कि किसी के पास काम मांगने जाते हैं तो लोग कहते हैं कि तुम तो करोड़पति हो, तुम क्या मजदूरी करोगे।
काम देने के बजाय लोग हीरा और रुपयों के संबंध में जानने की कोशिश करते हैं। कई लोग फोन करके अपनी हीरा खदानों पर बुलाकर हीरा हासिल करने के उपाय पूछते हैं। पिछले तीन माह से यही चल रहा है। अब वे इससे तंग आ गए हैं।मोतीलाल कहते हैं कि परिवार के लोग भी अब आशंकित रहते हैं। करोड़पति के रूप में उनका नाम पूरे देश में उछल गया है।
कई अनजान लोग उनसे मिलने और रुपयों के संबंध में जानने की कोशिश करते हैं। इसी बीच जिले में पिछले महीनों के दौरान अपहरण और अवैध हथियारों के साथ लुटेरों के पकड़े जाने की वारदातें सामने आईं हैं। इन सभी कारणों से उनके भाई विशेषकर पत्नी उन्हें कहीं भी जाने नहीं देती है। खुद मोतीलाल इतने परेशान हैं कि बात करने से पहले उन्होंने भाइयों सहित परिवार के किसी भी अन्य सदस्य का नाम अखबार में नहीं छापने की शर्त रख दी।
खरीददार को भुगतान के लिए मिला है एक माह का समय :मोतीलाल को जैम क्वालिटी का 42.59 कैरेट का हीरा मिला था। 29 दिसंबर 2018 को हीरे की नीलामी हो गई है। झांसी के राहुल अग्रवाल एंड कंपनी ने इसे 6 लाख प्रति कैरेट की दर से 2 करोड़ 55 लाख में खरीदा है।
हीरा अधिकारी संतोष सिंह ने बताया कि नीलामी के नियमों के अनुसार खरीददार को राशि के भुगतान के लिए 1 माह का समय दिया गया है। अभी हीरा प्रशासन के ही कब्जे में है। 29 जनवरी 2019 तक राहुल अग्रवाल सरकारी खजाने में राशि जमा कराएंगे। इसके बाद वे हीरा ले जा सकेंगे। अब तक उन्होंने राशि अदा नहीं की है। सरकारी खजाने में राशि आने के बाद 12 फीसदी की रायल्टी की कटौती की जाएगी। शेष राशि का भुगतान मोतीलाल को कर दिया जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया में अभी एक माह का समय और लग सकता है।