चंडीगढ़ (मनोज अपरेजा).अमेरिका से खरीदे गए 15 शिनूक हेवी लिफ्ट हैलीकॉप्टर्स में से सात चंडीगढ़ एयरफोर्स के बेड़े में शामिल होने जा रहे हैं। एयरफोर्स के 12 विंग के बेड़े में शामिल होने जा रहे हैं। इस हैलीकॉप्टर की खास बात यह है कि अमेरिका में बना दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा हैलीकॉप्टर है। इसकी परफॉर्मेंस बहुत अच्छी है। आर्मी की जरूरतों को पूरा करने में अहम भूमिका निभाएगा।
पहाड़ों पर इसका ऑपरेशन बहुत ही कारगर सिद्ध होता है। वार जोन में भी इसका अहम योगदान रहेगा। इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। 15 में से शुरू में सात हैलीकॉप्टर चंडीगढ़ एयरबेस में रखे जाएंगे। यहां से देश में जहां भी जरूरत होगी वहां पर भेजे जाएंगे। एयरफोर्स के पास इससे पहले दुनिया का सबसे बड़ा ट्रांसपोर्ट हैलीकॉप्टर एमआई 26 पहले से एयरफोर्स के पास है। एमआई-26 रशिया में बना है।
गौरतलब है कि चार शिनूक हैलीकॉप्टर भारत पहुंच गए हैं। शिनूक सीएच-47 आई हैलीकॉप्टर अमेरिका में बोइंग की फिलाडेल्फिया स्थित फैक्टरी से रवाना किए गए थे, जो समुद्री रास्ते से होकर गुजरात में अडानी ग्रुप के मुंद्रा पोर्ट पर पहुंच गए। शिनूक की भारत में एंट्री के साथ ही अडानी ग्रुप भी डिफेंस सेक्टर में कदम रख चुका है और एयरफोर्स के लिए 110 सिंगल इंजन फाइटर जेट के लिए वह स्वीडन के साब ग्रुप के साथ मिलकर होड़ में है।
दूसरी ओर टाटा ग्रुप अमेरिका की लॉकहीड मार्टिन से हाथ मिलाकर यह सौदा हासिल करना चाहता है। मुंद्रा पोर्ट पर शिनूक हेलीकॉप्टर उतरने पर अडानी ग्रुप के प्रमुख गौतम अडानी ने कहा हमारा पोर्ट सिर्फ ट्रेड के लिए ही एंट्री प्वाइंट नहीं है, बल्कि देश की रक्षा के लिए भी नए अवसर देता है। मुंद्रा पोर्ट से शिनूक चंडीगढ़ ले जाया जाएगा, जहां इन्हें वायुसेना में शामिल किया जाएगा।
भारत ने 15 शिनूक हैलीकॉप्टर के 1.1 अरब डॉलर के सौदे पर सितंबर 2015 में दस्तखत किए थे। इसके तहत सात और ऐसे हैलीकॉप्टर खरीदने का विकल्प खुला है। इनके अलावा अमेरिका से 22 अपाचे अटैक हैलीकॉप्टर भी खरीदे जा रहे हैं। शिनूक हैलीकॉप्टर्स की डिलिवरी अगले चार साल में पूरी होगी।
अमेरिका सहित दुनिया की 18 वायुसेना के पास है शिनूक :
शिनूक डबल रोटर वाला हैलीकॉप्टर है। अमेरिका के साथ दुनिया की 18 एयरफोर्स के पास है। इसमें 30 से लेकर 50 लोग बैठ सकते हैं। इसके अंदर 10,900 किलो कार्गो भरा जा सकता है। नीचे लगे तीन हुक में कुल मिलाकर 13 हजार किलो तक वजन लटकाया जा सकता है।
इन हुकों से लटकाकर हल्के वाहन, तोप और शेल्टर भी ले जाए जा सकते हैं। दो पायलट और एक फ्लाइट इंजीनियर इसे आपरेट करते हैं। इस हेलीकॉप्टर में तीन मशीनगन तैनात की जा सकती हैं। दो मशीनगन इसके दरवाजे पर लगाई जा सकती हैं और तीसरी को कार्गो लोडिंग की जगह लगाया जाता है।
मार्च के आखिर में आयोजन-
हमारे पास सात शिनूक हेलीकॉप्टर 1 मार्च तक आ जाएंगे। मार्च के आखिर में भारतीय वायुसेना का बड़ा आयोजन चंडीगढ़ में होगा। शिनूक हेलीकॉप्टर 50 से ज्यादा पैसेंजर बैठ सकते हैं।-एस श्रीनिवासन,एओसी-इन-सी,12 विंग, एयरफोर्स चंडीगढ़