बटाला (जय तिवारी).जिस उम्र में घुटनों के दर्द और बीमारियों से परेशान होकर लोगों का चलना मुश्किल हो जाता है उस उम्र में तलवंडी झियुरां के 66 साल के बलवंत सिंह रोजाना 2 किलोमीटर घोड़े के साथ दौड़ लगाते हैं। शरीर इतना फिट कि अपने गांव से 31 किलोमीटर दूर गुरदासपुर तक दौड़कर डेढ़ घंटे में पहुंच जाते हैं। अब तक रेस में 100 से अधिक मेडल, सर्टीफिकेट्स और ट्राफियां अपने नाम कर चुके हैं। उनका घाेड़ा और कुत्ता इतने ट्रेंड हैं कि वह उसके साथ दौड़ते हैं।
घोड़े को रस्सी से पकड़कर नहीं दौड़ना पड़ता है अपने आप ही साथ दौड़ते हैं। घोड़े के साथ दौड़ने के कारण उन्हें लोग बलवंत घोड़ा नाम से ही बुलाते हैं। इतनी दौड़ के बाजवूद कभी बंलवंत सिंह की सांस नहीं चढ़ती। बलवंत सिंह को बचपन से ही दौड़ने का शौक था।
18 साल में कबड्डी खेलनी शुरू की लेकिन आतंकवाद के दौर में छोड़ दी। पिछले दिनों अटारी बाॅर्डर पर बीएसएफ द्वारा आयोजित दौड़ में पहला स्थान हासिल कर 5100 रुपए का इनाम जीता था। मुंबई में हुई दौड़ में तीसरा स्थान हासिल किया। इसके अलावा मुंबई, लखनऊ, इलाहाबाद, हरियाणा, चंडीगढ़, जालंधर, अमृतसर, दिल्ली, गुड़गांव, पटियाला, संगरूर आदि में हुई दौड़ों में भी भाग ले चुके हैं।