टीवी सीरीज ‘शेक इट अप’ में हिप-हॉप डांसिंग स्टार के रूप में महज छह साल की उम्र में पॉप्युलैरिटी पाने वाली जेंडेया ने आईएएनएस को बताया, ‘शोबिज की रंगीन दुनिया में बड़े होना हमेशा आसान नहीं होता, लेकिन मैं कहूंगी कि मैं खुशकिस्मत हूं कि मेरे पास एक बेहतरीन परिवार है जो मेरा साथ देता है और मेरी देखभाल करता है। मैं भी अपना समय लेकर अपनी रफ्तार से आगे बढ़ने की कोशिश करती हूं। इंडस्ट्री में कुछ ऐसा होता है कि वे (बाल कलाकार) बहुत जल्दी बड़े होने की कोशिश करने लगते हैं।’
कम उम्र में पॉप्युलैरिटी हासिल करना, इसे संभालना और नशे की लत की चपेट में आ जाना जैसी बातों के बारे में कनाडाई पॉप स्टार जस्टिन बीबर ने हाल ही में इंस्टाग्राम पर एक भावुक पोस्ट लिखा। बीबर ने लिखा, ‘छोटे से शहर से ताल्लुक रखने वाला मैं 13 साल की उम्र में मशहूर हो गया। सब मेरी तारीफ करने लगे और दुनियाभर के करोड़ों लोग कहते हैं कि वे मुझसे कितना प्यार करते हैं और मैं कितना महान हूं। 20 साल तक मैंने हर बुरे फैसले लिए जिसके बारे में आप सोच सकते हैं।’
‘दुनिया में सबसे अधिक प्यार पाने वाले और प्रशंसा वाले शख्स से मैं सबसे ज्यादा मजाक का पात्र बनने वाला, जज किया जाने वाला और नफरत किया जाने वाला शख्स बन गया। मैंने 19 की उम्र में ज्यादा ड्रग लेना शुरू कर दिया और सारे रिश्तों को ताक पर रख दिया। मैं नाराज, अपमानजनक हो गया। मैं चिड़चिड़ा हो गया, महिलाओं का अपमान करने लगा और बेहद गुस्सैल बन गया।’
उन्होंने आगे कहा कि बचपन में मिली शोहरत की उन्हें कीमत चुकानी पड़ी और वह खुदकुशी करने के बारे में सोचने लगे। बीबर की कहानी के पहलू कई लोगों के लिए सच है। चाहे वह लोवेटो, आपोन कार्टर, मैकॉले कलकिन, बैरीमोर या सलीना गोमेज हो या ऐक्टर जैक एफ्रॉन जिन्होंने ‘हाई स्कूल म्यूजिकल’ में ट्रॉय बोल्टन के रूप में प्रसिद्धि पाई और फिर नशे और शराब की लत उन्हें लग गई। फिल्म ‘द प्रोफेशनल’ से 1994 में 13 साल की उम्र में डेब्यू करने वालीं ऐक्ट्रेस नताली पोर्टमैन ने इस बारे में खुलकर बोला कि कैसे किशोरावस्था में वह सेक्शुअलाइज्ड हुईं।
लिंडसे लोहान, अमांडा बाइन्स और ब्रिटनी स्पीयर्स को भी कमोबेश इसी स्थिति से दो-चार होना पड़ा। कैसे वे इन सबसे निपटते हैं? कुछ तनाव व दबाव में आकर ज्यादा ड्रग्स लेन शुरू कर देते हैं तो कुछ मानसिक बीमारी व अवसाद की चपेट में आ जाते हैं, तो वहीं कुछ को रिहैब सेंटर जाना पड़ जाता है। कुछ अपने शरीर को लेकर परेशानी का सामना करने लगते हैं और कुछ गैर जिम्मेदाराना व्यवहार करने लगते हैं। लोवेटो ने 2017 में यूट्यूब की ओरिजनल प्रोग्रामिंग हेड के सामने स्वीकार किया था कि बेहद कम उम्र में इंडस्ट्री में आ जाना कुछ ऐसा है जिनके बारे में उन्हें लगता है कि इसे वह फिर दोहराना चाहेंगी। उन्होंने कहा कि उन्हें किसी चीज का मलाल नहीं है, लेकिन एक चाइल्ड स्टार से मुख्यधारा का कलाकार बनना उनके लिए मुुश्किल भरा रहा। उन्होंने कहा कि यह चुनौतीपूर्ण था और आपको अपनी पहचान तलाशनी पड़ती है।
टीवी शो ‘स्ट्रेंजर थिंग्स’ के स्टार फिन वोल्फहार्ड ने कहा, ‘अगर आप बचपन में प्रसिद्धि पा लेते हैं तो कई चीजें गलत हो सकती हैं। आपके आसपास मौजूद कई लोग आपसे हमेशा कहेंगे कि ‘तुम शानदार हो’ अगर आप बच्चों से हमेशा कहते रहेंगे कि वे शानदार और अद्भुत हैं तो फिर वे सोचने लगेंगे ‘ओह, मैं तो शानदार हूं’ और उनमें अहंकार आ जाता है।’
मनोवैज्ञानिक समीर पारिख ने कहा कि बच्चों के लिए दबाव का समाना करना आसान नहीं होता। उन्हें परिवार की ओर से या अच्छा प्रदर्शन करने या सामान्य जिंदगी जीने में परेशानी व दबाव का सामना करना पड़ सकता है, ऐसे में सपॉर्ट सिस्टम बेहद जरूरी है और बच्चों को अपनी जिंदगी जीने देना चाहिए। संतुलन और स्वतंत्रता दो ऐसे कारक हैं जो अहम बदलाव ला सकते हैं।